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Friday, August 19, 2011

ज़िन्दगी एक अजब पहेली






ज़िन्दगी एक अजब पहेली है I 

जिसको  समझना आती कठिन है II

जो ना चाहें वो बिन मांगे मिलता है I

जो चाहें वो कभी नहीं मिलता है II


सब का भला हम मांगते हैं I

तो सब का भला होता है II 

मालिक के हाथों मे सब कुछ तो है I

सबका बिगड़ा समय वो संवारता हैII


उसकी मर्ज़ी बगैर कोई पत्ता भी नहीं हिलता है I

हमसे तो ना आपना घर ना देश संवर पाता है II  

छोटी बातो को हम गंभीर समस्या बनाते हैं I  

कुछ लोग तो मालिक बनने की जुर्रत करते हैं II 


आज का यह युग कलियुग है I

मानव स्वभाव इस युग में अच्छा नहीं है II

दूसरों को अपने से तुच्छ समझता है I

यह तो कुछ लोगों की सोच बन गई है II 


अच्छें हों मानव के विचार तो जीवन सफल है I  

लोभ और अहंकार से परे रहकर तो जीवन पार है II

ऐसे विचार वाले लोग जीवन में मिसाल बनते हैं I 

मालिक ने उनके लिए केवल कठिनाई का जीवन लिखा है II 


renukakkar 16.8.2011

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