My poems

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Saturday, July 23, 2011

समय





~~समय ~~

समय का चक्र तो समय ही पलटता I
 दुःख और सुख समय ही बदलता II

धूप और  छाव साथ साथ हैं चलते I
सवेरा होते ही अंधेरे भी है टलते II

आंधी तूफान के बाद आती है शांति  I
उदासी के दिन भी ख़ुशी है बदलती II

काँटों के सुंग फूल है मिलते I
दुःख और सुख जीवन के है दो हिस्से II

किस्मत मैं मिलता जो मालिक ने लिखा I
उस मालिक के भरोसे तो ब्रह्मांड भी है चलता II

पूजा घरों में लोग करते हैं नित  प्रार्थना I
ज़रूरी तो नहीं उन्हें आज ही कुछ मिलेगा II

मंदिर के बाहर लाइन लगी है I
इछुक तो वैसे हम भी खड़े हैं II

हमें है भरोसा की हमें भी मिलेगा I
मालिक ने हमारे लिए जो कुछ है लिखा II

लोगों कि माँगों की कतारे है लम्बी I
हमारा तो नंबर लगा शायद आखिरी II

समय का चक्र तो समय ही पलटता I
 दुःख और सुख समय ही बदलता II    
renukakkar 
Copypyright@2011





3 comments:

  1. pls remove word verification from comments.comments ke liye koi rukavat nahi hogi aur time bhi bachega.

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  2. thanks, where is this word verification

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