बारिश की नन्ही बुँदे जब धिन धिना धिन गिरती हैं
मृदंग बनके बाजे कन्हैया, राधे छम छम नाचत है.
मृदंग बनके बाजे कन्हैया, राधे छम छम नाचत है.
मन आंगन में मैं जब कृष्ण चरण को पाती हूँ
बावरी बन देख उनको, मन ही मन मुस्काती हूँ.
बावरी बन देख उनको, मन ही मन मुस्काती हूँ.
झूमते झूमते देख उन्हें मेरे मन से आवाज़ आती है
जैसे कोई राधे कृष्ण राधे कृष्ण गा-गा कर पुकारती है.
जैसे कोई राधे कृष्ण राधे कृष्ण गा-गा कर पुकारती है.
आवाज़ कहती है राधे कृष्ण की ध्वनि समझो
अच्छी तरहं समझो तुम और फिर सब को समझा दो.
अच्छी तरहं समझो तुम और फिर सब को समझा दो.
राधे कृष्ण,राधे कृष्ण अब फिर बोलो राधे कृष्ण
अब आहिस्ता से बोलो राधे राधे राधे कृष्ण.
अब आहिस्ता से बोलो राधे राधे राधे कृष्ण.
राधे का मतलब समझो जैसे हमको राह दिखा दें
कृष्ण तक पहुँचनें का रास्ता हमें बता दें.
कृष्ण तक पहुँचनें का रास्ता हमें बता दें.
हम समझ गए अब हम आपको समझाते हैं
भग्वान को पाने का सरल रास्ता है यह बतलाते हैं.
भग्वान को पाने का सरल रास्ता है यह बतलाते हैं.
renukakkar 10.9.2011
copyright@2011
( an old bhajan/poem i wrote in jan2011 but am posting here now)
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