~~समय ~~
समय का चक्र तो समय ही पलटता I
दुःख और सुख समय ही बदलता II
धूप और छाव साथ साथ हैं चलते I
सवेरा होते ही अंधेरे भी है टलते II
आंधी तूफान के बाद आती है शांति I
उदासी के दिन भी ख़ुशी है बदलती II
काँटों के सुंग फूल है मिलते I
दुःख और सुख जीवन के है दो हिस्से II
किस्मत मैं मिलता जो मालिक ने लिखा I
उस मालिक के भरोसे तो ब्रह्मांड भी है चलता II
पूजा घरों में लोग करते हैं नित प्रार्थना I
ज़रूरी तो नहीं उन्हें आज ही कुछ मिलेगा II
मंदिर के बाहर लाइन लगी है I
इछुक तो वैसे हम भी खड़े हैं II
हमें है भरोसा की हमें भी मिलेगा I
मालिक ने हमारे लिए जो कुछ है लिखा II
लोगों कि माँगों की कतारे है लम्बी I
हमारा तो नंबर लगा शायद आखिरी II
समय का चक्र तो समय ही पलटता I
दुःख और सुख समय ही बदलता II
renukakkar
Copypyright@2011
nice poem Renu.i liked it.
ReplyDeletepls remove word verification from comments.comments ke liye koi rukavat nahi hogi aur time bhi bachega.
ReplyDeletethanks, where is this word verification
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