ज्योति बन कर मेरे नैनॉ की, तुम सदा रहो तो अच्छा लगे,
मेरे घर में रौशनी बन कर तुम सदा रहो तो अच्छा लगे.
तुम्हें देखने ख़ुशी बार बार आए तो अच्छा लगे,
और उदासी बहुत दूर भागे तो अच्छा लगे.
मेरे मन मंदिर में तुम रहो तो अच्छा लगे,
मेरी सांसों की लहरो में तुम रहो तो अच्छा लगे.
जैसे मीरा खो जाती थी कृष्ण की धुन में,यह सोच अच्छा लगे,
तुम्हारी लगन में मैं भी खो जाऊ तो अच्छा लगे,
जैसे राधिका खो जाती कृष्ण की मुरली सुनते,सोच अच्छा लगे,
में भी तुम्हारी लगन में खो जाऊ तो अच्छा लगे.
तुम्हारा साथ हो तो अम्बर में घूमना अच्छा लगे,
तारो को साथ साथ छू लेना भी तो अच्छा लगे.
मेरे दिल की धड़कन में तुम रहो तो अच्छा लगे,
कभी न जाने का वादा तुम करो तो अच्छा लगे.
तुम सदा रहो मेरे पास तो अच्छा लगे,
मेरे मन मंदिर में मीत बन कर रहो तो अच्छा लगे.
रेनुकक्कड़ 26.4.2011
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